डॉ.जेबा रशीद के साहित्य में इस्लाम दर्शन , Mirza R. , Mirza H. 1 Draft Issue 1

Date of Publication:   12/15/2025
Abstract:

अपने देश में अनेक धर्म और संस्कृतियों हैं। भारत में इस्लाम एक अल्पसंख्यक समुदाय का है। इस्लाम धर्म की संस्कृति में मानवतावाद और यथार्थवाद को महत्व दिया गया है। भारत में सूफी काव्य परंपरा से हिंदी साहित्य में इस्लाम दर्शन दिखाई देता है।इस्लामिक दर्शन में मानव हित को सर्वश्रेष्ठ माना हैं।सूफीवाद ने मुस्लिम समाज के निर्माण में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद ने ‘कुरान’ के आदेशों का ईमानदारी से पालन करने का आदेश दिया है। आधुनिक विज्ञान-तंत्रज्ञान के युग में शिक्षा, सच्चाई, शांति, न्याय, स्वतंत्रता, स्त्री-पुरुष समानता, नैतिकता, मानवता आदि को अपनाने की आवश्यकता है।इन सभी बातों का पालन करने का आदेश ‘कुरान’ में दिया गया है। समाज में जब-जब अन्याय, अत्याचार को बढ़ावा मिलता है,तो उस समय धार्मिक आदेशों का पालन करना उस समाज के लिए हितकारक होता है। हिंदी साहित्य में अमीर खुसरो से लेकर असगर वजाहत तक के साहित्यकारों ने अपने साहित्य में इस्लाम दर्शन को व्यक्त किया है। साठोत्तरी लेखिका डॉ.जेबा रशीद हिंदी और राजस्थानी भाषा में साहित्य लेखन करने वाली चर्चित लेखिका है। डॉ.जेबा रशीद ने अपने साहित्य के माध्यम से इस्लाम धर्म के तत्वों को स्पष्टता से व्यक्त करने का प्रयास किया है।लेखिका ने मुस्लिम समाज के स्त्रियों पर होने अत्याचार और अन्याय को ‘कुरान’ का संदर्भ देकर मुस्लिम स्त्रियों को तथा भारतीय समाज को सजग किया है।

Keywords :

जेबा रशीद, मुस्लिम साहित्यकार, इस्लाम दर्शन, हिंदी साहित्य आदि।

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